यमुनानगर के साढौरा में सिंचाई विभाग ने नकटी नदी पर बनाया गया तटबंध कस्बावासियों को राहत की बजाए परेशान करता है। आरोप है कि सिंचाई विभाग ने नगरपालिका और कस्बावासियों के विरोध के बावजूद मनमानी तटबंध बनाया। तटबंध के कारण नदी का प्रवाह क्षेत्र छोटा हो गया और पानी कस्बे के कई गांवों तक पहुंच गया, जो परेशान करता था।बरसात के दौरान नदी का पानी कस्बे के कई भागों की तरफ बहता है, जिससे कई गांवों में जलभराव होता है। नगरपालिका इस समस्या को हल करने के लिए नकटी नदी की खोदाई करवाने के पक्ष में रही है।वहीं, मई के शुरू में सिंचाई विभाग ने नदी की खोदाई करवाने की जगह तटबंध बनाना शुरू किया। नगर पालिका की चेयरपर्सन शालिनी शर्मा और सभी पार्षदों ने डीसी और एसडीएम से इस बारे में शिकायत की। इसके बावजूद, सिंचाई विभाग ने नदी को खुदाई करने की जगह तटबंध बनाने की कोशिश की। इस तटबंध से नदी का प्रवाह क्षेत्र पहले से भी छोटा हो गया। नतीजतन, नदी के उफनते पानी ने कस्बे को भर दिया।यही नहीं, कस्बे के पानी की निकासी के लिए सिंचाई विभाग ने पुलिया या पाइप तक नहीं बनाए। अध्यक्ष और सभी पार्षदों के विरोध के बाद निकासी के लिए दो पाइप लगाए गए, लेकिन वे भी पानी की मात्रा के लिए पर्याप्त नहीं थे। आखिरकार, स्टेडियम और श्मशान घाट के पास इस तटबंध को तोड़ने के बाद पानी की निकासी की अनुमति मिली। चेयरपर्सन शर्मा ने सिंचाई विभाग को जलभराव से हुए नुकसान के लिए दोषी ठहराया है।नदी में अवैध कब्जों को बचाने का भी आरोप पूर्व बीईओ अख्तर अली ने लगाया था। तब उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह तटबंध कस्बे की सुरक्षा करने के लिए बनाया जा रहा है, न कि अवैध कब्जों को। वास्तव में, अवैध कब्जों को हटाने के बजाय कुछ अलग-अलग तटबंध बनाए गए। नदी का प्रवाह क्षेत्र कम होने से कस्बावासी जलभराव की समस्या का सामना कर रहे हैं, हालांकि अवैध कब्जे नदी की मार से बच गए।सोमवार को ग्रामीणों ने छछरौली क्षेत्र में रविवार को पथराला नदी में आई बाढ़ के पानी की वजह से हुई तबाही को देखा, जो उनके जीवन को बर्बाद कर दी है। बाढ़ के पानी ने सड़कों और फसलों को नष्ट कर दिया है। खंड छछरौली में सोम और पथराला नदियों की बाढ़ ने लगभग पांच सौ एकड़ फसल को बर्बाद कर दिया है। सोम नदी की पटरी टूटने से खानूवाला गांव अधिक प्रभावित हुआ है। लोगों के घरों में चार से पांच फीट तक बाढ़ का पानी घुस गया था। जिससे कच्चे घर की दीवारें टूट गईं और गालियां उखड़ गईं। बाढ़ के पानी ने सभी गलियों में बहकर जम गया है। अब ग्रामीण इसे निकाल रहे हैं।खानूवाला गांव के बच्चे और युवा अभी भी भयभीत हैं। लोगों के पास कुछ भी खाना-पानी नहीं था। पास के ग्रामीण लोगों ने खाना और पानी देकर सेवा दी है। सोम नदी में टूटी पटरी से तेज बहाव ने सड़कों को पूरी तरह से उखाड़ डाला। लेदी से बिलासपुर जाने वाली सड़क कई स्थानों पर खराब हो गई है। पानी का बहाव कई फीट के गड्ढे बनाया है। इसके अलावा, लेदी से शेरपुर मोड छछरौली जाने वाली सड़क भी काफी खराब हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय लोग हर तरह से मदद कर रहे हैं। दो दिन बीतने के बावजूद प्रशासन ने कोई मदद नहीं दी है।
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