केरल में मंगलवार देर रात हुए भूस्खलन में अब तक कुल 167 लोगों की मौत हो गई । जिला प्रशासन के अनुसार इस आपदा में 219 लोग घायल हुए हैं। इस त्रासदी का मुद्दा देश के दोनों सदनों में भी उठा। केरल ने मंगलवार को दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की. मानवीय बचाव प्रयास बुधवार को भी जारी रहेंगे। पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टरों की एक टीम प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद है। जानकारी के मुताबिक, मुंडक्कई और चुरालमाला जिलों में भूस्खलन के कारण 180 से ज्यादा लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. भूस्खलन रात 2 बजे के बीच हुआ। और सुबह 4 बजे मंगलवार को अपने घरों में सो रहे लोगों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं बचा।
प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का कार्य लगातार जारी है। केरल की मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि वायनाड में राहत एवं बचाव कार्य पूरे जोर शोर से चल रहे हैं। सीएम विजयन ने इस हादसे को अकल्पनीय और दर्दनाक आपदा करार दे कर कहा, ‘अब तक कुल 144 शवों को बरामद कर लिया गया है, जिनमें 79 पुरुष और 64 महिलाएं हैं’।
मंत्रिमंडल की बैठक बुलाया गया
केरल के मुख्यमंत्री ने अपनी मंत्रिमंडल के साथ मिलकर वायनाड में हुए आपदा पर चर्चा की। उन्होंने कहा आपदा प्रभावित उन जनजातीय लोगों को विस्थापित किया जा रहा है जो वहां से जाना नहीं चाहते थे। वे उन्हें पर्याप्त भोजन दे रहे हैं। वे पहले ही 1,592 लोगों को मदद के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुके हैं। वायनाड जिले में 82 राहत शिविर हैं जहाँ लोग मदद की ज़रूरत होने पर रुक सकते हैं। फिलहाल इन जगहों पर 2,017 लोग शरण लिए । मेप्पाडी में 8 राहत शिविर हैं जहाँ 421 परिवारों के 1,486 लोग शरण लिया हैं। राहत कार्य मुंडक्कई पर केंद्रित हैं, जबकि अट्टामाला और चूरलामल्ला में बचाव और मदद का काम चल रहा है। आज राहत और बचाव में मदद के लिए 132 सेना जवान पहुँच चुके हैं। दो हेलीकॉप्टर भी राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं।