हरियाणा: चंडीगढ़ की इतिहास में पहली बार HS और FS की पोस्ट खाली, बस मोहर का इंतजार

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यह चंडीगढ़ के इतिहास में पहली बार है कि पिछले दो महीने से प्रशासन में दो महत्वपूर्ण पद खाली हैं। तीसरे महत्वपूर्ण पद, नगर निगम आयुक्त का कार्यकाल भी 10 दिन में समाप्त हो जाएगा और डीसी भी चंडीगढ़ से तीन महीने में चले जाएंगे। केंद्र ने वित्त सचिव का पैनल खारिज कर दिया है, इसलिए फैसला गृह सचिव पर है। शहर की ब्यूरोक्रेसी में बहुत देर हो गई है। इसके राजनीतिक अर्थ भी खोले जाते हैं।गृह सचिव (UTS) और वित्त सचिव (FS) के पदों पर प्रशासन ने पहली बार नियमित अधिकारियों के बिना काम किया है। वर्तमान आईएएस अधिकारी कई विभागों को संभाल रहे हैं, जिससे कार्यभार बढ़ रहा है और प्रशासन का कामकाज प्रभावित हो रहा है। यूटी प्रशासन में वित्त सचिव पद पंजाब से डेपुटेशन पर आए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के लिए आरक्षित है।19 जून को विजय नामदेवराव के निधन के बाद से यह पद रिक्त है। 14 जून से गृह सचिव के पद पर भी कोई पद खाली नहीं है। इनके जाने के बाद से, सलाहकार राजीव वर्मा खुद गृह सचिव हैं और हरगुनजीत कौर वित्त सचिव हैं। शेष विभागों को अन्य अधिकारियों ने संभाला है। हरियाणा ने गृह सचिव को तीन नाम भेजे हैं और प्रशासन ने केंद्र को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है, जबकि वित्त सचिव का पैनल एक बार केंद्र को खारिज कर चुका है। प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि अधिकारियों की नियुक्ति में देरी के कई कारण हो सकते हैं। चंडीगढ़ में केंद्रीय अधिकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है।गृह सचिव के पैनल में 2006 बैच के आईएएस अधिकारी जे गणेशन, 2005 बैच के मनदीप सिंह बराड़ और 2003 बैच के डॉक्टर अमित कुमार अग्रवाल शामिल हैं। प्रशासन ने इन नामों को केंद्र सरकार को भेजा है। केंद्र अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की है। वहीं, पंजाब ने 2007 बैच के आईएएस मोहम्मद तैय्यब, 2006 बैच के आईएएस अमित ढाका और 2008 बैच के आईएएस अमित कुमार को वित्त सचिव के लिए नामांकित किया था। केंद्र ने तीनों नामों को हटाया है। प्रशासन ने फिर से पंजाब से पैनल मांगा है।23 अगस्त को नगर निगम की आयुक्त आनंदिता मित्रा का कार्यकाल समाप्त होगा। यूटी प्रशासन ने चार बार एक्सटेंशन की मांग की, लेकिन पंजाब सरकार ने नहीं दी। यूटी ने चौथे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब सरकार को एक अधिकारी को एक्सटेंशन देना चाहिए या तीन अधिकारियों का पैनल भेजना चाहिए, लेकिन चंडीगढ़ को अभी तक पैनल नहीं मिला। UTS प्रशासन ने फिर केंद्र सरकार को एक्सटेंशन की मांग की है। प्रशासन अभी तक वहां से कोई उत्तर नहीं मिला है।

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