राजस्थान के सरिस्का अभयारण्य से 125 किलोमीटर दूर रेवाड़ी के झाबुआ जंगल में आठ महीनों में दूसरा बाघ आया है। इस तीन वर्षीय बाघ का नाम ST-2302 है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि बाघ शायद अलग जगह की तलाश में है। लोग भयभीत हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में कोई मादा बाघ नहीं है, इसलिए बाघ जल्द ही वापस आ सकता है। वयस्क बाघ के लिए 800 एकड़ का यह जंगल बहुत छोटा है। शनिवार शाम को अरावली जंगल में बाघ के पंजे के निशान देखे गए, जिससे यह घटना हुई। वन विभाग ने ST-2302 की तलाश तुरंत शुरू की। अधिकारियों का मानना है कि बाघ पिछले हफ्ते सरिस्का से यहां तक पहुंचा होगा और साहिबी नदी के किनारे होगा। साहीबी नदी में बाघों का शिकार करने के लिए कई जानवर आते हैं।
पाटिल ने कहा कि अगर यह ST-2302 है, तो यह इस वर्ष जनवरी में रेवाड़ी में भटक गया बाघ है। यहां शिकार के लिए बहुत सारे जानवर हैं, और एक वयस्क बाघ कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है। सतर्क रहें। हम उम्मीद करते हैं कि बाघ आसपास के गांवों में भटके बिना अपने मूल स्थान पर वापस चला जाएगा। एक और वन अधिकारी ने बताया कि झाबुआ जंगल में कई स्थान हैं जहां बाघ छिप सकते हैं। लेकिन बाजरे के खेत भी उसके छिपने का स्थान हो सकते हैं।
हरियाणा : रेवाड़ी पहुंचा बाघ, लोगों डर का महल।125 किमी का सफर तय कर राजस्थान से आये
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