हरियाणा: AAP की 27 सीटों पर विशेष नजर, विधानसभा में कब्ज़ा करने के लिए बिठा रहक नया नया समीकरण

Date:

दिल्ली और पंजाब की सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अब हरियाणा पर टिकी है। कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव में एक सीट जीतने वाली आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनाव में उम्मीद की किरण दिख रही है। पार्टी का मानना है कि एक लोकसभा सीट पर लगभग चार फीसदी वोट मिलने से वह विधानसभा चुनाव में अच्छा कर सकती है। यही कारण है कि आप विधानसभा चुनावों के लिए अलग रणनीति बना रहे हैं। पार्टी को उन 27 सीटों पर ध्यान देना चाहिए जो पंजाब और दिल्ली सरकार को प्रभावित कर सकते हैं। पार्टी इस सप्ताह चुनाव लड़ने वाले नेताओं के साथ बैठक करेगी।पार्टी की फिलहाल नरवाना, टोहाना, फतेहाबाद, रतिया, कालांवली, डबवाली, रानियां, सिरसा, कलायत, गुहला, पेहोवा, लाडवा समेत अंबाला, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले की विधानसभा सीटों पर नजर है। इन सीटों पर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोकेगी और मजबूत रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी।
पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने थे, लेकिन अभी तक तिथि नहीं तय हुई है। इसलिए हरियाणा में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, उनके मंत्री, सांसद, विधायक और चेयरमैनों का पूरा दल दिखाई देगा। दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायकों की जिम्मेदारी भी हरियाणा के चुनाव में लगेगी। पार्टी हर विधानसभा में एक चेयरमैन और तीन विधायक नियुक्त करेगी। अगले तीन दिनों में हरियाणा के प्रभारी संदीप पाठक सभी लोकसभा वार नेताओं से मिलेंगे। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का शेड्यूल भी बनाया जा रहा है। उधर, जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया, सुनीता केजरीवाल और संजय सिंह भी हरियाणा चुनाव की रणनीति में शामिल होंगे।
यह हरियाणा चुनाव आप के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए आम आदमी पार्टी पूरी कोशिश करेगी कि वोट प्रतिशत के साथ कुछ सीटों पर भी नियंत्रण रखें। प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी सभी ९० सीटों पर मजबूत उम्मीदवार के साथ चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा को लोगों ने परख और ऊब दिया है। अब नए विकल्प चाहिए। यह आम आदमी पार्टी से बेहतर विकल्प नहीं हो सकता।
आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा संकट यह है कि उनके पास कोई प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं है। पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल भी तिहाड़ जेल में हैं। यद्यपि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में चुनाव की कमान संभाली है, लेकिन उसे पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसलिए पार्टी पूरी कोशिश कर रही है कि केजरीवाल को जेल से बाहर निकाल दें। अब 23 अगस्त को केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई होनी है। इस तारीख से पार्टी काफी उम्मीद करती है। साथ ही, पार्टी वर्तमान में सीएम को नहीं देखने की तैयारी कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

RG Kar Case : आज शाम 6 बजे डॉक्टरों से मिलेंगी ममता बनर्जी, आंदोलनकारियों ने ईमेल भेजकर मांगा समय

मृतकों का अंत बिस्तर पर अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों...

Kolkata Blast : एसएन बनर्जी रोड पर भीषण विस्फोट, एक घायल; बम निरोधक दस्ता मौके पर मौजूद है

शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे कोलकाता के एसएन बनर्जी...