लखनऊ: हाईकोर्ट ने परिषदीय विद्यालयों के लिए चयनित शिक्षकों की सूची में कुछ गलतियां पाईं, इसलिए 13 मार्च 2023 को 6800 शिक्षकों की सूची निरस्त कर दी और राज्य सरकार को पूरी सूची की दोबारा जांच करने को कहा।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फैसला दिया है कि 2019 में भरी जा रही 69,000 सहायक शिक्षक नौकरियों के लिए चयनित शिक्षकों की एक नई सूची बनाने की जरूरत है। अदालत ने अधिकारियों से कहा है कि वे सही नियमों का पालन करते हुए तीन महीने में यह नई सूची बनाएं और 1 जून 2020 और 5 जनवरी 2022 को बनी पुरानी सूचियों को नजरअंदाज करें। इस फैसले ने राज्य सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं और पुरानी सूचियों से चुने गए शिक्षकों की नौकरी अब अनिश्चित हो गई है।
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन न किए जाने के मामले में पिछले साल 13 मार्च को दिए गए एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली अशोक यादव व अन्य अभ्यर्थियों की 90 विशेष अपीलो पर यह फैसला दिया है। कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने बीते मंगलवार को सुनाया था। फैसला हाईकोर्ट की बेबसाइट पर शुक्रवार को अपलोड हुआ।
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